प्रयागराज स्थित राजकीय बाल सुधार गृह का औचक निरीक्षण

Sat 30-Nov-2024,11:55 PM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

प्रयागराज स्थित राजकीय बाल सुधार गृह का औचक निरीक्षण प्रयागराज स्थित राजकीय बाल सुधार गृह का औचक निरीक्षण
  • सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कौशाम्बी पूर्णिमा प्रांजल ने बाल सुधार गृह का औचक निरीक्षण कर रहवासियों के लिए भोजन, चिकित्सा, लीगल हेल्प, शिक्षा, और अन्य सुविधाओं की स्थिति का मूल्यांकन किया एवं सुधारात्मक निर्देश दिए।

  • बालकों के सर्वांगीण विकास हेतु गुणवत्तापूर्ण भोजन, योग, ड्रामा, शिक्षण, शिक्षणेत्तर गतिविधियों को बढ़ावा देने और उनकी समस्याओं के समाधान हेतु कर्मचारियों व अधिकारियों को आवश्यक निर्देश प्रदान किए।

Uttar Pradesh / Prayagraj (Allahabad) :

प्रयागराज/आज दिनांक 30 नवंबर 2024 को अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कौशाम्बी पूर्णिमा प्रांजल ने प्रयागराज स्थित बाल (बालक एवं बालिका) सुधार गृह का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान रहवासियों को पर्याप्त भोजन, दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुएं, चिकित्सीय सुविधाओं, खाद्य पदार्थ में गुणवत्ता आदि के संबंध में कर्मचारियों से जानकारी प्राप्त की गई। सचिव ने स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी के साथ लीगल हेल्प, क्लास रूम, बाथरूम, रसोई, भंडारण गृह और स्टॉक रजिस्टर का भी निरीक्षण किया। रहवासियों की समस्याएं सुना और उनसे संबंधित पत्रावलियों का भी अवलोकन किया तथा नए आए रहवासियों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कौशाम्बी द्वारा पैरवी हेतु निःशुल्क अधिवक्ता एवं निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान किए जाने संबंधी जानकारी भी प्रदान की गई।

शिक्षण कार्य सुचारू रूप से करने, पढ़ने के लिए पुस्तकें वितरण करने, योगा और ड्रामा के अलावा अन्य शिक्षणेत्तर गतिविधियों को शुरू करने, चिकित्सा और गुणवत्तापूर्ण भोजन की उचित व्यवस्था करने के लिए निर्देश दिये जिससे बच्चों को पढ़ाई व स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें न आने पाएं, उनके सर्वांगीण विकास के लिए किसी कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। शिक्षकों को बालकों को उनकी आयु और शैक्षणिक स्तर के अनुसार पृथक-पृथक पढ़ाए जाने के निर्देश दिये गए। यदि कोई बालक सुधार गृह की सभी गतिविधियों में भागीदारी नहीं कर रहा है तो उसकी समस्या जानकर कार्यकलापों में भागीदारी करने हेतु प्रोत्साहित करें।

बालकों को सभी दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाई जाएं साथ ही उपयुक्त पोषण व आहार प्रदान किया जाए। पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों के चरित्र निर्माण के बारे में भी बात की जाय जिससे वे आगे चलकर अपने आपको समाज में समायोजित कर सकें और बेहतर नागरिक की तरह जीवनयापन कर सकें व देश के विकास में योगदान दे सकें। इस दौरान जो कमियां पायी गयीं, उनको पूरा करने का निर्देश जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों को दिया गया। इस दौरान पीएलवी ममता सहित बाल (बालक एवं बालिका) सुधार गृह के कई पदाधिकारी और कर्मी उपस्थित रहे।

डॉ. नरेन्द्र दिवाकर